Dukhon Se Mukti Paane Ka Aasaan Tareeka | दुखों से मुक्ति पाने का आसान तरीका


Dukhon Se Mukti Paane Ka Aasaan Tareeka | हर व्यक्ति अपने जीवन में दुखों से मुक्ति पाना चाहता है। आज हम यहां Dukhon Se Mukti Paane Ka Aasaan Tareeka | दुखों से मुक्ति पाने का आसान तरीका जानते है, लेकिन इस तरीके के बारे में जानने से पहले एक छोटे से प्रसंग के बारे में जानते हैं।


ये प्रसंग है भगवान बुद्ध और उनके पास आये एक भक्त की जो भगवान बुद्ध से सदा खुश रहने का राज जानना चाहता था।

एक बार की बात है भगवान् बुद्ध एक गाँव में उपदेश दे रहे थे। उस गाँव का एक धनवान व्यक्ति भगवान बुद्ध का उपदेश सुनने आया। उपदेश सुनकर उस व्यक्ति के मन में एक प्रश्न पूछने की जिज्ञासा हुई। लेकिन सबके बीच प्रश्न पूछने में उस व्यक्ति को कुछ संकोच हुआ, क्योंकि गाँव में उस व्यक्ति की बहुत प्रतिष्ठा थी और जो प्रश्न वो पूछना चाहता था वो प्रश्न ऐसा था कि उसकी प्रतिष्ठा दांव पर लग जाती। इसलिए वह सबके जाने का इन्तजार करने लगा। जब सब लोग चले गये और भगवान् बुद्ध को एकांत में देखकर वह बुद्ध के पास आया और अपने हाथों को जोड़कर बुद्ध से कहने लगा –

भगवान मेरे पास सब कुछ है। धन, दौलत , पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य मुझे किसी चीज की कोई कमी नही है, परन्तु मैं फिर भी खुश नही हूँ। मैं जानना चाहता हूँ कि हम हमेशा प्रसन्न कैसे रहें? हमेशा खुश रहने का क्या राज है ?

उस व्यक्ति की बात सुनकर बुद्ध कुछ देर तक चुप रहे और फिर उस व्यक्ति बोले, “तुम मेरे साथ जंगल में चलो वहां मैं तुम्हें खुश रहने का राज बताऊंगा।

इतना कहकर बुद्ध उस व्यक्ति के साथ जंगल की तरफ बढ़ चले। रास्ते में बुद्ध ने एक बड़ा पत्थर उठा कर उस व्यक्ति देते हुए कहा अब इसे पकङ कर चलो।


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अब वह व्यक्ति पत्थर उठाकर चलने लगा। कुछ समय बाद उस व्यक्ति के हाथ में दर्द होने लगा, लेकिन वह चुप रहा और चलता रहा। लेकिन जब चलते हुए काफी वक्त हो गया और उस व्यक्ति की दर्द सह पाने की सीमा ना रही तो उसने भगवान बुद्ध को अपनी परेशानी बताई।
तब बुद्ध ने उससे कहा – अब तुम पत्थर नीचे रख दो। जैसे ही उसने पत्थर नीचे रखा ,वैसे ही उस व्यक्ति को बड़ी राहत महसूस हुई।

तभी बुद्ध ने उस व्यक्ति से कहा, यही है खुश रहने का राज।
उस व्यक्ति ने बुद्ध से कहा , भगवान मैं कुछ समझा नहीं।

बुद्ध बोले , “जिस तरह इस पत्थर को कुछ समय तक हाथ में रखने पर थोड़ा सा दर्द महसूस हुआ, और समय के साथ ही तुम्हारा दर्द बढ़ता गया, ठीक इसी प्रकार हम जितनी देर दुखों को अपने साथ रखते है उतना ही हमारा दुख बढ़ता जाता है। जैसे पत्थर को जमीन पर रखते ही हमें खुशी महसूस होती है ठीक इसी प्रकार यह हम पर निर्भर करता है, कि हम अपने दुखों के बोझ को कितने समय तक उठाए रखना चाहते हैं। अगर खुश रहने की इच्छा रखते हो तो दुख रूपी पत्थर को जल्द से जल्द नीचे रखना सीखना होगा और जहां तक सम्भव हो तो उसे उठाने से ही बचना होगा।

हम में से ज्यादातर यही करते हैं। हम अपने दुखो के बोझ को ढोते रहते हैं। हम अक्सर जीवन में कई लोगो को कहते सुनते हैं-
उसने मेरा इतना अपमान किया कि मैं इस बात को जिन्दगी भर नहीं भूल सकता।
वास्तव में आप उस बात को ना भूलकर अपने आप को ही कष्ट देते रहते हैं।


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Dukhon Se Mukti Paane Ka Aasaan Tareeka | दुखों से मुक्ति पाने का आसान तरीका  यही है कि हम दुख के बोझ को अपने मन से जितना जल्दी हो निकाल दें और हमारे पास जितना है उसी में संतोष कर प्रसन्न रहें।
हमेशा याद रखिये प्रत्येक क्षण अपने आप में नया होता है, जो क्षण बीत चुका है उसकी कड़वी यादों को मन में सजाकर रखने से अच्छा है कि हम अपने वर्तमान समय का पूरी तरह से आनन्द उठायें। हमेशा खुश रहने और दुखों से मुक्ति पाने का यही सबसे आसान तरीका है।

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