आलोचना, समालोचना और समीक्षा में क्या अंतर होता है | Difference between Criticism and Review
आलोचना, समालोचना और समीक्षा में क्या अंतर होता है | Difference between Criticism and Review
हम अपने आसपास हर रोज आलोचना समालोचना और समीक्षा जैसे शब्दों को सुनते हैं लेकिन सही तरीके से हम इनके बीच का अंतर स्पष्ट नहीं कर पाते हैं। हम नहीं जानते की आलोचना, समालोचना और समीक्षा में क्या अंतर होता है आइए आज इस लेख के जरिए हम आलोचना समालोचना और समीक्षा के बीच के अंतर को साधारण शब्दों में समझे:-
आलोचना
आलोचना का अर्थ होता है कि किसी के व्यक्त विचारों से असहमति व्यक्त करना दूसरे के व्यक्त विचारों में दोष निकालना और उसका विरोध करना या निंदा करना अगर सही प्रकार से कहा जाए तो यह किसी के व्यक्त विचारों में तार्किक रूप से खामियां ढूंढना ही आलोचना है।
समालोचना
समालोचना जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है किसी भी चीज को ध्यान पूर्वक देखना और उस पर अच्छी प्रकार से विचार कर उसका मूल्यांकन करना समालोचना कहलाता है । समालोचना के अंदर निंदा भाव ना रख कर सही प्रकार से उसका मूल्यांकन करता है अगर देखा जाए तो समालोचना का उद्देश्य प्रशंसा अथवा निंदा करना नहीं होता समालोचना का उद्देश्य किसी भी कीर्ति का सही मूल्यांकन घर उसे प्रमाण के साथ प्रस्तुत करना होता है।
समीक्षा
समीक्षा का अर्थ होता है किसी भी चीज का अच्छी प्रकार से जांच- पड़ताल, परीक्षण आदि करना और जो जैसा है उसको उसी तरह प्रस्तुत करना। समीक्षा के अंदर अपनी तरफ से कुछ ज्यादा कहने की कोई गुंजाइश नहीं होती जिसमें जो दोस्त, गुण ,.अच्छाई या खामियां होती है उसका निचोड़ प्रस्तुत करना ही समीक्षा कहलाता है ।व
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