Anti Child Labour Day | बालश्रम निषेध पर Hindi Poem


Anti Child Labour Day हर साल 12 June को पूरे विश्व में मनाया जाता है। Anti Child Labour Day मनाने का अभिप्राय है कि पूरे विश्व को बालश्रम के प्रति जागरूक किया जाये और बालश्रम को खत्म किया जाये।

बचपन जीना किसे पंसद नहीं ? कौन से मां-बाप नहीं चाहते की उनका बच्चा पढे-लिखे ? कौने से मां-बाप बचपन में ही अपने बच्चे से काम करवाना चाहते हैं ? ये सवाल अकसर हमें उन मजदूर के मुंह से सुनने को मिल जाता है, जिनके छोटे- छोटे बच्चे भी काम कर रहे होते हैं। अपने खेलने-खाने, पढ़ने की उम्र में गरीबी के कारण किसी ना किसी प्रकार की मजदूरी कर रहे होते हैं।

ऐसे में बालश्नम निषेध दिन पर बनाए गये सभी कानून बस किताबी ही नजर आते हैं और 12 June बालश्नम निषेध दिन बस एक दिन समझ आता है, जो समान्य दिन से थोङा सा अलग है, जिससे एक दिन की जगरूकता के तौर पर सोशल मिडिया पे पोस्ट नजर आते हैं।


Anti Child Labour Day पर Hindi Poem

मजदूरी के दल दल में
फंसा है बच्चों का बचपन
देखो कैसा हो गया है
बचपन !

अपने निजी स्वार्थ के
लिए परिवार ने
लगाया दाव पर
अपने ही बच्चो का भविष्य ।

छोटी सी उम्र में स्कूल जानें
के बजाहे मंदिर ,मस्जिद में
भीख मांगते हुए दिखते है
ये बच्चे ।

छोटे से हाथों में काॅपी किताब
पैन की जगह हाथों में भीख मांगने
के लिए कटोरा थमा दिया जाता है।

ये बच्चें भविष्य में
भारत को एक उज्जवल
देश बनाने वाले थे लेकिन
इनके खूद के माता पिता ने इनके ही
भविष्य को अंधकार में डाल दिया ।

हम रामजी मालोजी सकपाल
को सलूट करते है
उस समय इतना ज्यादा जात पात
और इतनी गरीबी होने के बाद
भी अपने बच्चो का भविष्य अंधकार में नही डाले ।

रामजी मालोजी सकपाल के बच्चो में से एक बच्चें
ने भारत के संविधान निर्माण किया
साथ में भारत को एक
उज्जवल देश भी बनाया
जिनका नाम है भीम राव अम्डेकर।

– Pinki Singh


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