संज्ञा किसे कहते है और इसके कितने भेद है | What is a noun and how many types are there?
संज्ञा किसे कहते है (What is a noun and how many types are there?)
• किसी भी वस्तु, व्यक्ति, भाव, विचार, द्रव्य, समूह आदि के नाम को व्यक्त करने वाला पद (शब्द) संज्ञा कहलाता है।
• वाक्य में प्रयुक्त होने से पहले संज्ञा पद ‘प्रातिपदिक’ कहलाता है फिर कारक की विभक्ति या परसर्ग से जुड़कर ‘संज्ञापद’ कहलाता है।
संज्ञा के मुख्यतः तीन भेद हैं
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा 2. जातिवाचक संज्ञा 3. भाववाचक संज्ञा
कुछ विद्वान इनके अतिरिक्त दो भेद और मानते हैं- (1) द्रव्यवाचक संज्ञा (2) समूहवाचक संज्ञा। लेकिन अब इसे स्वतंत्र संज्ञा का भेद न मानकर इसे जातिवाचक संज्ञा का उपभेद मानते हैं।
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से किसी खास व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी आदि के नाम का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं, यथा- राम, श्याम, सीता, राधा, दिल्ली, बिहार, नर्मदा, गंगा, चेतक इत्यादि।
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2. जातिवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से किसी वर्ग विशेष का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं, यथा- मनुष्य, पशु, पक्षी आदि। जातिवाचक संज्ञा के दो भेद हैं-
(i) द्रव्यवाचक संज्ञा
जब कोई संज्ञा द्रव्य या पदार्थ का बोध करवाती है तो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं, यथा- पानी, तेल, दूध आदि।
(ii) समूहवाचक संज्ञा
जब कोई शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी आदि के समूह का बोध करवाए तो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं, यथा- गुच्छा, ढेर, झुंड, सेना, विद्यार्थी, पुलिस, शिक्षक आदि।
3. भाववाचक संज्ञा
जिस शब्द से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्वभाव गुण या स्थिति का पता चलता है, भाववाचक संज्ञा कहलाता है, यथा-विनम्रता, प्रेम, घृणा, मानवता, बचपन, बुढ़ापा आदि।
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