Kya Mahatv Hai Akshay-Trteeya Ka | क्या महत्व है अक्षय तृतीया का

Kya Mahatv Hai Akshay-Trteeya Ka | क्या महत्व है अक्षय तृतीया का

बिना मुहूर्त देखे अक्षय तृतीया (Akshay-Trteeya) पर सभी मांगलिक कार्य कर सकते है। अक्षय तृतीया (Akshay-Trteeya) के दिन बहुत अच्छा मुहूर्त माना जाता है। इस दिन के मुहूर्त को सर्व सिद्ध मुहूर्त माना जाता है। अक्षय तृतीया (Akshay-Trteeya) के दिन बिना हिन्दू पंचांग देखे किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य सम्पन्न कराए जा सकता हैं। यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन सगाई, विवाह, गृहप्रवेश, व्यवसाय का प्रारम्भ आदि कार्य व्यापक स्तर पर किया जाता है। अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सौभाग्य वृद्धि के लिए अनेक प्रकार के कार्य किया जाता है।

Kya Mahatv Hai Akshay-Trteeya Ka

अक्षय तृतीया (Akshay-Trteeya) के दिन दान का अधिक महत्व है कहा जाता है कि इस दिन दान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति दूसरो के साथ अपना सौभाग्य बांटता है, उससे भगवान प्रसन्न होते हैं और उसे विशेष फल देते हैं। अक्षय तृतीया (Akshay-Trteeya) के दिन जलदान का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन भीषण गर्मी रहती है। इसके अलावा इस दिन 14 प्रकार के वस्तुओं के दान का महत्व भी है, जो कि हैं गुड़, तिल, सोना, चांदी, खरबूजा, शहद, नमक, मटकी, कन्या, तिल, भूमि और गौ दान। इन सभी वस्तुओं के दान करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।

अक्षय तृतीया (Akshay-Trteeya) के दिन सोना खरीदने का विशेष महत्व है ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में साल भर तक समृद्धि का प्रवेश होता है।


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पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सतयुग का प्रारम्भ अक्षय तृतीया के दिन ही माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों में ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान गणेश और महर्षि व्यास ने महाभारत लिखनें का प्रारम्भ किया था। इसी दिन पांडवों को भगवान श्रीकृष्ण ने अक्षय पात्र दान किया था। साथ ही इसी दिन श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा की गरीबी को भी दूर किया था। अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजा करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है।

-Nisha Nik “ख्याति”

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