द लॉस्ट गर्ल | The Last Girl- Nadia Murad (Book Review & Summary)
द लॉस्ट गर्ल पुस्तक यजीदियों द्वारा सहन किए गए अत्याचार की सशक्त अभिव्यक्ति और उनके समुदाय की आध्यात्मिक संस्कृति की झलक प्रदान करती है । यह एक साहसी महिला द्वारा लिखी एक महत्वपूर्ण पुस्तक है- ईअन बिरेल, द टाइम्स
The Last Girl (Hindi) Paperback – 26 October 2020
कैसी पुस्तक है यह
अगर आपको दूसरों के संघर्ष के बारे में जानना या पढ़ना अच्छा लगता है तो आपके लिए द लॉस्ट गर्ल पुस्तक बिल्कुल सही है ।
क्या है इस पुस्तक में
द लॉस्ट गर्ल पुस्तक की लेखिका नादिया मुराद है जिन्होंने अपने संघर्ष के साथ-साथ सभी यजीदियों के संघर्ष को बताया है किस तरह आईएसआईएस के आतंक में उन्होंने अपना जीवन बिताया और उसे बाहर आई ।
क्यों पढ़ना चाहिए आपको द लॉस्ट गर्ल पुस्तक
अगर आप यजीदियों के संघर्ष, इराक में हुए आतंकी हमले और आईएसआईएस के कुरूरता को जानना चाहते हैं तो आपको यह पुस्तक पढ़नी चाहिए।
द लॉस्ट गर्ल पुस्तक तीन खंडों में बटा हुआ है। इस पुस्तक के केंद्र में इराक देश और उसके कई शहर हैं खास तौर से कोंचो नाम का स्थान, जहां की नदिया मुराद रहने वाली हैं ।
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खंड एक में कोंचो शहर का भौगोलिक आर्थिक और प्राकृतिक वर्णन किया गया है साथ ही इस खंड में 2003 से 2007 तक के होने वाले आतंकी हमले का वर्णन भी किया गया है और बताया गया है कि किस तरह से यहां के लोग आतंकी हमले से उभर कर अपना जीवन जीते हैं।
खंड दो में आईएसआईएस का आतंकी हमला, सभी मानवीय मूल्यों का हनन, कोंचो शहर के पुरुषों की बर्बरता के साथ नरसंहार और लड़कियों के साथ बलात्कार शोषण और वस्तु की तरह उनका खरीदना बेचना इन सभी का वर्णन खंड दो में किया गया है ।
खंड तीन में नदियां का आईएसआईएस से बचकर भाग निकलना, अपने परिवार के मृत्यु के बाद भी जीवन को जीना और यजीदियों के बचाव के लिए कार्य करना तथा अमेरिका द्वारा सम्मानित करना आदि का वर्णन खंड तीन में किया गया है।
वे लोग, जो सोचते थे की क्रूरता के दम पर नदिया की आवाज को दबा देंगे गलत साबित हुए । नादिया मुराद (Nadia Murad) की हिम्मत नहीं टूटी और उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सका – अमाल क्लूनी