Hindi Love Poem | 2024 Valentine Week | Nisha Nik
Hindi Love Poem | Fankaaar
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सुनों खुद को तुम खो दो
सुनों खुद को तुम खो दो मेरे हो के
मैं सब कुछ भूल जाऊँ तुम्हें याद करके
बाहों में तुम्हारी आऊँ तो बात कोई और ना हो
तुम निगाहों में आओ तो दृश्य कोई और ना हो
आंसू जो मेरे छल्के तो पोछनें वाले हाथ तुम्हारे हो
आँखें तुम्हारी नम हो तो तुम्हें समझने वाली निगाहें मेरी हो
कभी ज़िन्दगी से मैं हारू तो मुझे राह दिखलाना
राह में जब तुम थक जाओ, मुझे अपना ठहराव बनाना
तुम्हारे दिल के मक़ान की मालकिन सदा मैं रहूँ
मेरे दिल को हमेशा तुम अपना घर कहना ।

प्रेम-द्वन्द
लङकपन के चले जाने से
यौवन का एक दरवाजा खुला
आहट, उस में से
एक रोशनी आँखों पर लगी
आँखों पर तेज चमक
और वो चौंधिया गई
बस एक क्षण का विलम्ब
और वो रोशनी मन को भा गई
अंदर कुछ था, जो विचलित था
उस रोशनी से उन्मुक्त होकर
थोङा डरा -डरा सहमा था
अपने ही किये प्रवृतियों पर
थोङा संकोच था
मधुमास में किया जो प्रणय
उसमें अब नजर आता दोष था
अरूण कि लालीमा,
और तेज रोशनी में
अपनापन किस में ज्यादा था
कहना थोङा मुसकिल था
फर्क करना कठिन हो गया
चुन्ना और भी मुसकिल हो गया
कुछ कमियाँ लालीमा में नजर आती
तो कुछ कमियाँ तेज रोशनी में
मेरे समझ से परे, ये द्वन्द क्या था ।
