भीमराव अम्बेडकर के आदर्श वाक्य | Dr Br Ambedkar Quotes in Hindi |
Dr Br Ambedkar | भीमराव अम्बेडकर, बाबासाहेब के नाम से भी जाने जाते हैं। Dr Br Ambedkar उच्च कोटि के दार्शनिक, समाज सुधारक, क्रन्तिकारी होने के साथ भारतीय संविधान के रचनाकार भी हैं। भारत रत्न से सम्मानित Dr Br Ambedkar ने समाज में ऊंच नीच को सुधारने में काफी योगदान दिया। इनका जीवन बहुत ही संघर्ष पूर्ण रहा और इन्होंने भारत को सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक क्षेत्रों में अविस्मरणीय योगदान दिया इसीलिए इनको “आधुनिक भारत के निर्माता” भी कहा जाता है।
सबसे पहले और अंत तक हम एक भारतीय हैं।
पति और पत्नी में एक मित्रता का सम्बन्ध होना जरुरी है।
मैं उस धर्म को पसंद करता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे की भावना सिखाता है।
कानून और व्यवस्था, राजनीति के शरीर की दवायें हैं और जब शरीर बीमार हो जाये तो तो दवाइयों को अपना काम करना चाहिए।
Also Read: मदर टेरेसा के सुविचार | Mother Teresa motivational quotes in hindi
जैसे पानी की बूंद समुद्र में मिलकर अपना अस्तित्व खो देती है, इसके विपरीत इंसान समाज में मिलकर अपना अस्तित्व नहीं खोता। इंसान का जीवन स्वतंत्र है वह समाज के विकास के लिए नहीं बल्कि अपने विकास के लिए पैदा हुआ है।
एक महान इंसान एक सुप्रसिद्ध इंसान से इसलिए बेहतर है क्योंकि वह समाज का सेवक बनने को हमेशा तैयार रहता है।
जिंदगी लंबी नहीं बल्कि महान होनी चाहिए।
बुद्धि का विकास ही मानव अस्तित्व का सबसे बड़ा लक्ष्य होना चाहिए।
जिस प्रकार इंसान नश्वर है ठीक उसी तरह हमारे विचार भी नश्वर हैं। विचारों को प्रचार प्रसार की जरूरत होती है जैसे पौधे को पानी की, नहीं तो दोनों मुरझा जाते हैं।
Also Read: महात्मा गांधी सुविचार |Mahatma Gandhi motivational quotes in hindi
मैं किसी समाज की उन्नति को महिलाओं की उन्नति से मापता हूँ।
जाति कोई ईंटों की दिवार नहीं है या कोई काँटों का तार नहीं है जो हिंदुओं को आपस में मिलने से रोक सके। जाति एक धारणा है जो मन की एक अवस्था है।
सामान्यतः कोई स्मृतिकार कभी ये बात नहीं बताता कि आपके सिद्धांत क्यों हैं और कैसे हैं।
कुछ लोग सोचते हैं कि समाज के लिए धर्म की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन मैं इस विचार को नहीं मानता। मानव जीवन के लिए धर्म की स्थापना होना बेहद जरुरी है।
जो अपना इतिहास भूल जाते हैं वो कभी इतिहास नहीं बना सकते।
अगर मुझे लगा कि संविधान का दुरूपयोग हो रहा है तो इसे सबसे पहले मैं ही जलाऊँगा।
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता को नहीं हांसिल कर लेते, क़ानून द्वारा दी गयी हर स्वतंत्रता आपके लिए बेमानी ही रहेगी।
हमें अपने पैरों पर खड़े होना है। अपने अधिकार के लिए लड़ना है तो अपनी ताकत और बल को पहचानो क्योंकि शक्ति और प्रतिष्ठा संघर्ष से ही मिलती है।
Pingback: बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर | Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar