कोरोना का न जाति, न धर्म, न पंथ होता है।
भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार अभी तक कई महत्वपूर्ण कदम उठा चुकी है, लोग लॉकडाउन में अपने घरों में बंद हैं और वायरस से बचाव के लिए हर जरूरी कोशिश कर रहे हैं। देश में सभी लोग कोरोना के खिलाफ लङाई में अपना योगदान दे रहें।
वहीं दूसरी तरफ कुछ मंदबुद्धी लोग कोरोना को लेकर भी धर्म, जाति और पंथ की बात कर रहें हैं। और सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरों को बढावा दें रहें। इस समय देश में सभी को जगरूक होने की जरूरत है, मंदबुद्धी लोगों को ये समझने की जरूरत है की देश में लॉकडाउन, सोशल डिसटेन्सींग ही एक मात्र उपाय है, इस बीमारी को रोकने का। हम सभी को इस महामारी को रोकने के लिए दिमाग से काम लेना होगा, ताकि हम हमारी आने वाली पीढ़ी को एक अच्छा माहौल दे सकें, इस समय हम सभी को एकसाथ खड़े होने की जरूरत है ताकि यह महामारी किसी आपदा में न बदल जाएं।
इस समय सभी का धर्म सिर्फ और सिर्फ कोरोना के संक्रमण से देश को बचाना होना चाहिए। सभी को कोशिश करना चाहिए की सोशल मीडिया का इस्तेमाल सही जानकारी लेने के लिए करें न कि लोगों में टेंशन बढ़ाने के लिए। सोशल मीडिया के जरिए अफवाह न फैलाएं और न ही इस वायरस के फैलाव के लिए किसी धर्म या जाति को जिम्मेदार न ठहराएं। कोरोना वायरस को किसी जाति या धर्म विशेष के साथ जोड़ कर देखना सही नहीं है क्योकि ये भी संक्रमण फैलाने से पहले जाति, धर्म को नहीं देखता है।
Janshruti & Team | nisha nik”ख्याति”