Sex Education । क्यों जरूरी है किशोरों को यौन शिक्षा देना
यौन शिक्षा (sex education) एक व्यापक शब्द है, जिसके अंतर्गत मनाव शरीर रचना, यौन प्रजनन, संभोग और मानव यौन व्यवहार के बारे में शिक्षा के माध्यम से वर्णन किया जाता है। समाज में यौन शिक्षा (sex education) के अलग- अलग रूप है जैसे स्कूल के पाठ्यक्रमों द्वारा दी जाने वाली यौन शिक्षा, कुछ सरकारी और गैरसकारी संस्थाओं द्वारा किशोरों को शिक्षीत करना और सबसे महत्पूर्ण परिवारि शिक्षा।

युवाओं को यौन शिक्षा (sex education) की आवश्यकता क्यों है
जब बचपन से युवा अवस्था में किसी भी बच्चे का परवेश होता है, तो उसके मन में काफी सारे सवाल होते है जिनका वो जवाब पाना चाहते है। किन्तु जवाब ना मिल पाने की स्थिति में या गलत जानकारी के कारण वो भ्रमित हो जाते है। जो कि युवा के अंदर मासिक विकार और अपराधिक परवृति को बढ़वा देता है। यही कारण है कि युवा के सही विकास के लिए उन्हें समय पर यौन शिक्षा देने की आवश्कता है।
यौन संबंधित सही जानकारी के अभाव में समाज में लिंग संबंधि हिंसा का प्रसार होता है साथ ही समाज में लिंग असमानता भी बढ़ता है जो की अस्वस्थ समाज का निर्माण करता है।
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यौन शिक्षा (sex education) के अभाव के कारण या इसकी सही जानकारी ना होने के कारण बच्चे यौन शोषण का शिकार होते है। समय पर बच्चों को यौन शिक्षा देना बच्चों को यौन विकरित मानसिकता से बचा सकता है। साथ ही वो यौन शोषण के शिकार से भी अपना बचाव कर सकते है।
व्यापक यौन शिक्षा (sex education) न केवल बच्चों और युवाओं को मानव अधिकार, लिंग समानता, रिश्तों, प्रजनन, यौन व्यवहार के जोखिम और यौन बीमारी की रोकथाम की सही जानकारी देता है अपितु व्यापक यौन शिक्षा बच्चों को मानसिक रूप से विकसित होने में भी मदद करता है साथ ही समाज के साथ उनके रिश्ते को स्वस्थ बनाता है। व्यापक यौन शिक्षा के कारण बच्चों में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सम्मान, समावेश, गैर-भेदभाव, समानता, सहानुभूति, जिम्मेदारी और पारस्परिकता जैसे गुणों को भी बढ़वा देता हैं।