Dysentery । घरेलू उपचारों के साथ आप पेचिश से छुटकारा पा सकते है

पेचिश (Dysentery) आंतो में संक्रमण होने के कारण, गंभीर दस्त और मल के साथ खून आने की समस्या है। पेचिश (Dysentery) कुछ मामलों में मल में म्यूकस भी आ सकता है। आमतौर पर पेचिश 3 से 7 दिन तक रह सकता है। पेट में ऐंठन या दर्द, मतली, उल्टी, 100 से 101 डिग्री फारेनाइट बुखार, शरीर में डिहाइड्रेशन आदि पेचिश के लक्षण है।

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क्या है पेचिश होने का कारण

दूषित जल या भोजन करने से पेचिश (Dysentery) हो सकता है। यादि आप गंदे हाथों से भोजन करते है, या शौच के बाद बिना हाथ धोये भोजन करते हैं तो भी आपको पेचिश (Dysentery) हो सकता है। गंदे जल में स्विमिंग करने से भी आप पेचिश का शिकार हो सकता हैं। या फिर आप पेचिश के किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आते है, तब भी आपको पेचिश हो सकता है।
आइये जानते हैं पेचिश होने पर किन घरेलू उपायों के साथ आप इसका उपचार कर सकते हैं।

संतरे का रस– अगर पेचिश (Dysentery) का इलाज ना किया जाये तो ये डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। इसके इलाज के लिए आप 3 से 4 गिलास संतरे का जूस पी सकते हैं। संतरे के रस में फ्लेवेनोएड्स पाया जाता हैं जो कि एंटी-इंफ्लामेट्री गुण रखते हैं। ये आंतों की परत को आराम देते हैं और शरीर को हाइड्रेट रखते हैं।

छाछ– पेचिश (Dysentery) होने पर अगर आप दिन में 3 से 4 गिलास छाछ का सेवन करते हैं तो आपको पेचिश से आराम मिलता हैं। छाछ में प्रोबायोटिक्सह होते हैं जो पेट में गुड और बैड बैक्टी रिया के संतुलन को बनाए रखते हैं। साथ ही पेचिस के संक्रमण को कम करते हैं।


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पपीता– पेचिश (Dysentery) होने पर अगर आप पपीते का सेवन करते हैं तो इस आपको पेट में होने वाले दर्द और ऐंठन से आराम मिलता है और आपको मल त्याग करने में आसानी होती है।

हरीतकी– यह एक प्रकार की बैक्टीारिया-रोधी गुणों से भरपूर जड़ी बूटी हैं जो पेचिश के संक्रमण को कम कर सकते हैं। आधा चम्म्च हरीतकी के पाउडर को 1 गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर रात को सोने से पहले पीने से आपको पेचिश (Dysentery) की समस्या से आराम मिलता है।

नींबू– पेचिश (Dysentery) एक प्रकार का माइक्रोबियल इंफेक्शन है। अगर आप एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर इसे कुछ देर तक उबालने के बाद। इस पानी को छानकर पीते हैं तो आपको पेचिश से आराम मिलता है क्योंकि नींबू में माइक्रोबियल-रोधी गुण होते हैं जो पेचिश के संक्रमण को कम करता है।

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