Aadikaal Ke Upanaam, Hindi Saahity | आदिकाल के उपनाम, हिन्दी साहित्य
aadikaal ke upanaam | आदिकाल के कई उपनाम है। ये नाम अलग- अलग विद्वानों द्वारा दिये गये हैं। आईये जानते है aadikaal ke upanaam के बारे में, साथ ही ये भी जानते है कि किस विद्वान द्वारा आदिकाल को क्या नाम दिया गया है।
हिन्दी साहित्य की इतिहास में संवत् 1050 से संवत् 1350 तक को आदिकाल कहा गया है। हिन्दी साहित्य के इस काल का अलग- अलग विद्वानों ने अलग- अलग नामकरण किया परन्तु इस काल का नाम आदिकाल सभी के द्वारा स्वीकार किया गया और बाकी नामों को aadikaal ke upanaam कहा गया।
aadikaal ke upanaam
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने आदिकाल काल को वीरगथा काल कहा है । आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार किसी काल के मूल प्रवृति रचानाओं के अनुसार उस काल का नामकरण करना चाहिए।
डॉक्टर रामकुमार वर्मा द्वारा इस काल को चारणकाल कहा गया । डॉक्टर रामकुमार वर्मा के मतानुसार इस काल में अधिकत रचनाएं चारणों द्वारा करी गई थी।
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डॉक्टर पृथ्वीनाथ कमल कुलश्रेष्ट ने इस काल को अन्धकार काल है। इनके अनुसार इस काल में कोई प्रमाणिक ग्रंथ नहीं मिलता है।
डॉक्टर हरिशंकर शर्मा ने इस काल की प्रवृत्तियों और साहित्यिक रचनाओं को देखकर इस काल का नाम उत्तर काल या प्रारंभिक काल दिया।
डॉक्टर हजारीप्रसाद द्विवेदी द्वारा इस काल को आदिकाल नाम दिया गया। इस काल का कोई निश्चित नाम ना दे सकने के कारण सभी को इस काल का नाम आदिकाल सर्वथा उचित लगा ।
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