औपचारिक और अनौपचारिक पत्र में अंतर | Formal and Informal Letter
औपचारिक और अनौपचारिक पत्र में अंतर
औपचारिक और अनौपचारिक दोनों ही पत्र लेखन के प्रकार है। पत्र लेखन आधुनिक गद्य विधा है जिसका उपयोग हम अपनी बात किसी व्यक्ति, संस्था को बताने के लिए करते है। पत्र लेखन किस प्रकार किया जाता है इसके बारे में हम पहले ही जान चुके हैं अगर आप पत्र लेखन के बारे में नहीं जानते या आपको पत्र लेखन करना नहीं आता तो नीचे दिये गये लिंक पर जा कर देख सकते हैं कि पत्र लेखन किस प्रकार किया जाता है।
पत्र लेखन कैसे करें / आवेदन पत्र कैसे लिखा जाता है। | How to write a Application Letter in Hindi
आइये आसान भाषा में समझते है कि औपचारिक और अनौपचारिक पत्र के बीच में क्या अंतर होता है।
औपचारिक पत्र
- औपचारिक पत्र ,पत्र लेखन की वह शैली है जो किसी कार्य पूर्ति हेतु या किसी प्रकार की सूचना या अनुरोध हेतु किसी व्यवसायिक संस्थान या किसी कार्यलय को लिखा जाती है।
- इस पत्र लेखन में हमे भाषा का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है , औपचारिक पत्र लेखन में हमारी भाषा विनम्र, आदरपूर्ण और व्याकरणसंगत होनी चाहिए।
- इस पत्र लेखन में व्यवाहरिक रूप से हम सामने वाले व्यक्ति को नहीं जानते है।
- औपचारिक पत्र लेखन में अनावश्यक बातचीत नहीं की जाती है केवल जीन बातों की पत्र में उपयोगिता हो उन्हीं बातों को पत्र में लिखा जाता है या सूचना दी जाती है।
- आप औपचारिक पत्र लेखन भावनात्मक भाषा का उपयोग नहीं कर सकते है इसके अलावा अगर आप पत्र में किसी प्रकार के आंकड़े का जिक्र कर रहे हैं तो उनकी पुष्टि सही हो।
अनौपचारिक पत्र लेखन
अनौपचारिक पत्र लेखन विशेषता व्यक्तिगत पत्र लेखन की विधा । अनौपचारिक पत्र लेखन में पहल व्यक्ति जिस दूसरे व्यक्ति को पत्र लिख रहा होता है वह उससे परिचित होता हैं।
- यह पत्र लेखन दो परिचित व्यक्तियों के बीच होता है।
- अनौपचारिक पत्र लेखन की भाषा सरल और भावपूर्ण शब्दों से युक्त होती है।
- इस पत्र लेखन में व्याकरण का खास ध्यान नहीं रखा जाता है ,इस पत्र लेखन में व्याकरण की उपेक्षा की जाती है।
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